Short moral hindi story। जादूई कहानियां हिंदी।

एक समय पहले अर्जुन अपने घर से निकला और अपने साथ उस ने खाने का एक पोटली रख लिया और जाने लगा अर्जुन के पास कुछ नही था बो अनाथ था उस का इस दुनिया में कोई भी नही था।

अर्जुन एक गांव के बहार अपनी झोपड़ी बनाया था और बो उस में ही रहता था लेकिन अब इस हैं में उसे कोई भी मगाने पे कुछ नही देता था इस लिए उस ने अपना समान बाद के निकल लिया उस गांव के बहार एक नदी थी उसे पर कर के बहार जाया जाता था।

Raja ki jadui chadi। राजा की जादूई छड़ी।

अर्जुन इस नदी के पास पहुंचा लेकिन इस समय नदी में पानी बहुत था और अर्जुन को तेहरना नही आता था बो नदी के पास खड़ा होके सोचने लगा के अब बो उस पार केसे जाय और फिर बो बही बैठ गाय और उसके पास जो खाने का था।

Moral stories hindi 2024। जादूई गुफा।

उस को निकाल के खाने लगा और जैसे ही अर्जुन ने खाने की पोटली को खोला उतने में नदी से एक बाबा निकल पड़ा जो नदी के अंदर बहुत समय से था और फिर अर्जुन उसे देख कर डर गया और अर्जुन बाबा से बोला हे बाबा हम आप से जो पूछने जा रहे हे।

Moral stories hindi। जादूई मटका हिंदी कहानी।

Short moral hindi story। जादूई कहानियां हिंदी।

इस की आज्ञा दे हमे बाबा बोलो क्या पूछना ही अर्जुन बाबा आप नदी के अंदर कब से थे और आप इस में से बाहर क्यों बाबा बेटा में नदी के अंदर अपनी तपस्या कर रहा था और में पिछले 6 माह से नदी में हु।

moral stories in hindi in short

लेकिन आज बरसो के बाद किसी के खाने की खुशबू हमारे पास तक पहुंच गई जिस की जिज्ञासा से हम बाहर आय और फिर बाबा बोले अगर तुम्हारे पास मेरे खाने योग कुछ हो तो हमे तो हमारी तपस्या पूरी हो गई और अब में भोजन करना चहीता हु।

अर्जुन ही बाबा में एक भूकचुक हु और में लोगो के घर से खाना माग के खाता ही और अभी जो मेरे पास भोजन हे बो भी किसी के घरों का हे अगर आप इस को खाना पसंद करे तो हम आप को भोजन जरुर देगे ।

short story in hindi with moral ।

बाबा बेटा भोजन तो भोजन होता हे लाओ हमे दो और बाबा ने अर्जुन के हाथो से पोटली लेके भोजन को खोल के कहने लगे और कुछ ही पालो में बाबा ने सारा भोजन खा लिया और अब बाबा की पेट की अग्नि संत हो गाय और फिर ।

Short moral hindi story। जादूई कहानियां हिंदी।

अर्जुन बाबा के तरफ देखा लेकिन फिर सोचने लगा चलो मेरे खाने से कुछ तो पुण्य हुआ बाबा की भूख तो संत हो गाई मेरा क्या में फिर माग के खा लूंगा और फिर बाबा ने अर्जुन से कहा मेने तुम्हारा भोजन खत्म कर दिया पर अब्बतुम क्या खाओगे।

अर्जुन बाबा कोई बात नही अब एक काम करो तुम मुझ से एक बार कुछ मांगो में तुम को दे दुगा लेकिन सिर्फ एक बार ही तुम हम से माग सकते हो सोच समझ के माग लेना ताकि तुम्हारे दुख बहरे दिन गुजार जाय और तुम सुखी जीवन जी पाओ।

अर्जुन सोच में पड़ क्या के बाबा बहुत सक्तिसली है इन से जो भी महुगा बो हम को जरूर देगे लेकिन हम ऐसा क्या मागे जो हमारे लायक हो और फिर अर्जुन बाबा के पैरो में बैठ के बोला ही बाबा हम को सम्पूर्ण ज्ञान दो जिस के बाल पे में कुछ भी हासिल कर सकू ।

बाबा ने अर्जुन के सर पे हाथ रखा और बोला तथा अस्तु। और बाबा नदी पे चलते उस पर चले गाय अर्जुन बाबा को देख कर हैरान हो गया और फिर अर्जुन बाबा के के पूछे जाने लगा और तभी बो नदी में गिर गया लेकिन बो डूबने से पहले तेहरने लगा ।

Short moral hindi story। जादूई कहानियां हिंदी।

लेकिन। अर्जुन तो तेहरान तो जनता ही नही था फिर ये केसे हुआ । और फिर अर्जुन को ध्यान आया के बाबा ने सम्पूर्ण ज्ञान जो दे दिया है उसे इस लिय अब से बो को भी काम करेगा उस का ज्ञान तुरंत अर्जुन को हो जायेगा ।

और अब अर्जुन एक पाठसंला के बहार से गुजर रहा था और तभी अर्जुन ने देखा के बहा कुछ बच्चे पढ़ाई कर रहे थे और फिर अर्जुन उस पाठसला में गया और बोला मुझे भी काम चहिए और फिर पाथसला।में जो गुरुजी थे ।

बो अर्जुन से बोले क्या तुम हमारे बच्चो को ज्ञान दे सकते हो अर्जुन हा में भारत का सम्पूर्ण ज्ञान देने में सक्षम हु अगर आप कहे तो  हम उस ज्ञान को बच्चो में जरूर देगे। और इस दिन में बाद अर्जुन बस पाठशाला में रहने लगा ।

और दिन पे दिन बच्चो को अच्छा ज्ञान और बहुत सी महत्पूर्ण जिंदगी की सीखे सीखने लगा जिसे देख सारे गुरु हैरान थे के एक अनपढ़ इंसान के पास ज्ञान का सागर कहा से आया और अब दिन पे दिन दूर दूर से लोग अर्जुन का ज्ञान लेने आने लगे।

Short moral hindi story। जादूई कहानियां हिंदी।

और फिर कुछ ही महीनों के बाद अर्जुन ने हजारों लडको को पड़ना सुरु कर दिया और अर्जुन किसी से कोई पैसा नहीं लिया था बो सिर्फ अपना ज्ञान फ्री में देता और उसके बदले बो अपने रहने और खाने और पीने का बंदोबस्त करवाता था ।

अर्जुन के पढ़ाई की चर्चा बहुत दूर दूर तक जो रही थी जो भी बच्चे अर्जुन से पड़ कर गए बो बहुत ऊंचे ऊंचे पद पर काम करने लागे और इस पिरकर एक अनपढ़ लड़के ने हजारों लोगोंको शिक्षा दी और उन को काबिल बनाया ।

और अब अर्जुन 84 साल का हो गया था और अबर्जुन के बहुत से पाठसाला थी जो फिरी में बच्चो को पढ़ने लगी थी और अर्जुन के नाम से ही दुनिया के बच्चे पढ़ने लगे ।

तो दोस्तो आप सब को कहानी पसंद आय तो लाइक सरूर करे ।

गरीब मां की जादुई कहानियां।जादुई कहानी।जादुई पंचतंत्र कहानियां। जादुई कहानी वीडियो। जादुई मजेदार कहानियां। जादुई पेड़ की कहानी। जादुई कहानी अच्छी अच्छी। जादुई लहंगे की कहानी। short moral hindi story।

Short moral hindi story। जादूई कहानियां हिंदी।

short moral hindi story for kids। short moral hindi story writing। short hindi moral stories for class 3 । short hindi moral stories for class 1। short hindi moral stories for class 5।

short hindi moral stories for class 10।

Short moral hindi story। जादूई कहानियां हिंदी।

5 comments

Post Comment