Moral stories hindi। बेस्ट जादूई कहनी।

पहिले के जमाने में बहुत से लोग देखें होगे आप ने लेकीन कई लोगो के पास जादूई सकती होती थी लेकिन आज तक इंसान बो सकती खुद में नही ले पाए अगर कहा जाए तो किसी की कला को बहुत कम लोग कॉपी कर पाते हे। Horror Stories hindi। खूंखार भेड़िया।

कहनी सुरु होती एक जंगल में आराम से जहा पे एक मुनि और उनके कई सिश रहते थे और अपने शिक्षा को पूरा कर रहे थे लेकिन कहते हे के लोग अपने काम में तब तक माहिर नही होते जब तक बो जी जान से उस काम को नही करते। भूतो बिसाच हिन्दी कहानी। Horror stories hindi पार्ट 3

बिना समय देखें मेहनत करे और फिर फल तो मिलना ही हे। ऐसा ही एक लड़का था सुख नाम का जो अपने गुरुजी की बात मानता और बहुत ध्यान पूर्वक उनकी शिक्षा को गिरान करता था। सुख का ध्यान हमेशा शिक्षा लेने के लिए उत्साह रहता था। Horror stories hindi। आज तक की बेस्ट हॉरर स्टोरी।

लेकिन बाकी लड़के उतना अच्छे नहीं थे और नही उन का शिक्षा में मन लगता था।लेकिन सुख सबसे तेज और बुद्धिमान था। ऋषि मुनि जी की आयु पूरी होने बाली थी । और बो चाहते थे के हमारा कोई ऐसा शीश बन ने जो हमारे ज्ञान को पूरे तरीके से अपना सके। horror short story । भूतो की स्टोरी इन हिंदी।

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और आगे चल के लोगो का भला और उन को ज्ञान दे सके लेकिन लड़का उन के नजर में कोई नही आ रहा था। सुख इस ज्ञान के लिए सबसे अच्छा लड़का था लेकिन मुनि जी सुख को लेके इतना गव्हीर नही थे और कुछ दिन सब ऐसा ही चलता रहा।

और फिर एक दिन गुरुजी ने सब शीश की बुलाया और सब का टेस्ट किया और उस टेस्ट में सब फेल हो गाय। और जब लास्ट में सुख का नंबर आया तो सुख ने टेस्ट देने से मना कर दिया।

गुरुजी ने इस की बजाय पूछी तो सुख ने जवाब दिया गुरुजी हम इतने ज्ञानी नही के आप से आगे निकल जाय लेकिन अगर आप कहे तो जितना आप से शिखा बो सब अपने खून से लिख के आप को दिखा दे गुरुजी को सुख की बात बहुत अच्छी लगीं।

और गुरुजी ने फैसला कर लिया के बो अपना सब कुछ सुख को देखे जायेगे और फिर सब कुछ अच्छा ही चल रहा था के अचानक गुरुजी की तबियत खराब हो जाति हे।

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सुख गुरुजी की बहुत सेवा करता और उन को ठीक करने की पूरी कोशिश करता जो बाकी के लड़के थे उन की खबर लगी के अब गुरुजी नही बचेगा तो बो छोड़ के चले गाय।

लेकिन सुख गुरुजी को छोड़ के नही गाया। और अखरी समय तक गुरुजी के साथ रह । और लास्ट में जब गुरुजी का देहांत हुआ तो उस ने अकेले ही गुरुजी का अंतिम संस्कार किया और बही आराम को अपना जीवन दान कर दिया।

और अब से गुरुजी के जगाए को ले लिया और बो हर काम करने लगा जो गुरुजी करते थे और अब से सुख गुरुजी के जाने के बाद एक लंबी साधना में लग गया और सुख ने पूरे  वर्षो तक तपस्या की ओर बो हार ज्ञान पिराप्त किया।

जो गुरुजी ने सुख को बताया था । और अब सुख भी गुरुजी के तरह भरपूर ज्ञान पिराप्त किया । और अब सुख अपने जिंदगी में बहुत खुश था और अपने गुरुजी की कुटिया में रह रहा था।

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धीरे धीरे समय निकल रहा था। और अब सुख को गांव में जाने का मन किया सुख चाहता था के हमारे गुरु ने जो हमे सिखाया है हम भी ये सब किसी को सिखाई और इस लिए सुख ने अपने जारी झांगा उठाया और गांव के लिए निकल गया।

और कुछ समय चलते चलते सुख एक पास के गांव में पहुंच गया । सुख चाहता था के बो लडको को फिरी में ज्ञान दे और उन से कुछ न वसूले और सुख गांव है जाके लडको से से अपने साथ आने के लिए बोला लेकिन लोग अपने लडको को सुख के साथ नहीं भेज रहा था।

और फिर सुख एक और गांव में गया और सुख एक मोहले में पहुंचा और लोगो से कहा आप लोग अपने लडको को हमारे आसराम भेजो हम फ्री में शिक्षा देगे और इतना सुन के मोहले के लोग सुख के बातो पे हसने लागे।

और सुख से बोले अरे जा तू खुद शिक्षा ले फिर दूसरे को ज्ञान देना खुद तो बाबा बैरागी बना पड़ा हे। और दूसरे को ज्ञान देने चला और सुख ये सब सुन के जाने लागे और मोहले के लोग सुख को देख कर हसने लागे।

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और ये सब बरदास नही हुआ और सुख प्यार से मोहले के लोगों से बोला अगर मेरे गुरुजी के बातो का असर नहीं होता तो आप सब को हम अपने ज्ञान का नमूना अभी दे देता। मोहले के लोगो में से एक इंसान बोल पड़ा और सुन तेरे तराय ही तेरा गुरु होगा।

और सुख ने इतना सुना और कहा अबे मूर्ख तू मेरे गुरुजी के बारे में अप सब्द मत बोल इंसान बोला में जो चाहु बही बोलुगा सुख को बहुत गुस्सा आई और उस इंसान का मुंह बाद कर दिया।

और अपने तप की सकती से हवा में बैठ के गुरुजी का ध्यान करने लागे ये सब देख कर लोगो की आंखे खुली रह गई और लोग सुख के पैरो में गिर गाय लेकिन सुख तो आपने ध्यान में को गाय और किसी की बात नही सुन रहे थे।

लोग उस इंसान को सही करने के लिए बहुत मुराद करते रहे लोग कई दिन तक सुख के नीचे बैठे रहे के कब सुख की तपस्या टूटे और बो इस इंसान को ठीक कर दे धीरे धीरे कई महीने गुजर गाय और लोग सुख के इतजार में बेठे थे।

और जब सुख का ध्यान खुला और सुख ने सब को देखा और उस इंसान को सही कर दिया और बिना कुछ बोले सुख अपने कुटिया में चला आया और गुरुजी से बोला इस दुनिया में ज्ञान किसी को नहीं चाहिए गुरुजी ।

और इतना बोल के सुख अपने कुटिया में अंतर ध्यान हो गाय ।

दोस्तो क्या आप को भी लगता हे क्या ऐसा अभी कोई दुनिया में इंसान हो सकता हे जो अपने गुरु के लिए सब कुछ। त्याग सकता हे।अगर ही तो हमे कॉमेंट में जरूर बताए।

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