short story and moral
जिंदगी इंसान को क्या से क्या करवा देती हे । ये इंसान खुद नही जानता सच हे भगवान जो चाहे इंसान को बही करना बड़ता हे और कुछ एसी ही कहानी आज आप लोगो के बीच रखने जा रहे हे।
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बहुत ही इंटस्टिंग स्टोर रहेगी लास्ट तक पड़े और फिर हमे कॉमेंट में बताए कोन सा लाइन आप सब को अच्छी लगी ।
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एक इंसान हुआ करता था। जो पैसे से बहुत धनी था उसके माता पिता पूरे गांव के करता धारता थे अगर माना जाए तो पूरे गांव में सिर्फ उनका ही हुकुम चलता था ।
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उनके इजाजत के बिगेर कोई कुछ नही करता और लोग उन को दिल से मानते थे बस यहीं प्यार उन के लिए सब का था और बो अपने गांव के लोगो को बहुत मानते और उनसे प्यार भी करते थे।
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और अब बात की जाय बो कोन थे। कुआखेरा उस गांव का नाम था ।और उस गांव के मुखिया कुशल सेठ के नाम से पिरसिद थे कुशल सेठ की साड़ी होने के बाद उनके घर चार साल में एक लड़का हुआ था। और सब लोग बहुत खुश थे।
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पूरे गांव में खुशी का माहोल था सब लोग अपने अपने मस्ती में थे और पूरे गांव में कुशल सेठ ने भोजन किया पिरबंद किया था । और उस दिन सब कुशल सेठ के यहां उन को बधाई देने पहुंचे ।
कुशल सेठ ने पूरे गांव बसी लोगो को कपड़े दान में दिए और खाना भी खिलाया उस दिन पूरे गांव में किसी के घर चुला नही जलाया गया था । पूरे गांव वाले सेठ के यहां ही खाए थे।
कहते हे के समय किसी के लिए नही रुकता और एसे ही समय अपने रफ्तार से चलता रहा और समय के साथ सेठ का लड़का बड़ा होने लगा और सेठ ने उस का नाम केशव रखा हुआ था ।
केशव थोड़ा सा इठेले मिजाज का था उसे अपने पिता से कई शिकायत थी जैसे बो गांव बालो के लिए बहुत परेशान रहते उन सब की हार इच्छा को पूरा करते उन के घर में कभी अनाज की कमी नही होने देते कुल मिला के बो अपने गांव के लोगो को हर तरीके से खुश रखने की कोशिश में लगे रहते।
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और ये बात केशव को पसंद नही थी बो चाहता था के ये जो पैसा बरबाद हो रहा हे इसे रोका जाए और किसानों को अब से कुछ नही दिया जाय और एक दिन केशव ने अपने पिता से बोल ही दिया के अब आप ये सब गांव बालो को नही बटेगे ।
आप को पता है के आप का भी कोई हे जिसके लिए आप को भी कुछ करना हे सारा सामान और पैसा आप गांव बालो पर लिटा देगे तो आप के बेटे के पास क्या ही बचेगा ।
और फिर सेठ ने उसे जनाब दिया बेटा जो तू इस धरती पे खड़ा हे बो सब इन गरीबी की दुआओं का असर हे हम से ज्यादा भगवान से इन गांव बालो ने कहा हे तुझे और आज तू कुछ सामान ही देने से मना कर रहा है। अगर ये बात गांव बालो को पता चली ।
तो बो क्या सोचेंगे के जिस को बो दुआओं में मागा करते थे आज बही उन को दुखी कर रहा है बेटा केशव आज बोला तूने आगे कभी एसी बात मत करना ।
आज हम जो कुछ हे बो सब इन किसानों के बजाय से हे हम क्या ही करते हे कभी तूने खेत की सकल देखी है कभी तूने अनाज उगाया हे । हमारे गोदामों में जो अनाज पड़ा हे । बो सब इन के ही खून की कमाई हे। और तू इनको ही देने से मना कर रहा है।
और ये सब सुन के केशव का माथा खराब हो गया और बो बहा से चला गया और फिर समय निकलता गया सेठ के गांव में पानी की कमी के कारण गांव में सुखा पड़ने लगा सारे गांव वाले बहुत परेशान थे साठ में सेठ भी बहुत चिंतित था।
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उसे समझ नही आ रहा था के अब उसके गांव वाले खेती कैसे करेगे और एक दिन पूरा गांव सेठ के यहां पहुंच गया और बोला अब हमे अपने कुल देवी की पूजा करनी होगी सेठ जी आप पूजा की तैयारिया करबाइए हम अपने कुल देवी को खुश करेगे।
बो ही हमे इस भयंकर सूखे जेसी बिब्दा से निबरेगी । और ये सब सुन के सेठ ने दूसरे दिन पूरे गांव के साथ मिलके तन मन धन से कुल देवी की पूजा की ओर उसके कई दिनों तक सुखा चला कुछ समझ नही आ रहा था के क्या किया जाए।
और अब सेठ के लड़के केशव को भी समझ आ गया के बो इन गांव बालो के पूर्ति गलत सोचता था बो इनके साथ गलता करने की सलाह दे रहा था अब से बो अपने पिता के कहने पर ही चलेगा और समाज के साथ केशव भी सुधार गया ।
और एक दिन सारे किसान मिल के अपने खेत खेती की जुताई कर कर रहे थे और तभी एक किसान के हाल में एक बहुत बड़ा सा पत्थर आ फसा और उसको निकलने के चाकर में सारे किसान आ पहुंचे पर बो नही निकला ।
और कुछ समय के बाद सेठ और उनका लड़का भी खेतो में आ पहुंचा सारे लोग मिल के जोर लगाए पर बो पत्थर us जगाए से नही हिला सब परेशान हो गए के आखिर ये कितना बड़ा हे।इसे अपने खेतो से हटाना तो पड़ेगा और सारे किसानों ने दीमक लगाय और अपने अपने बेलो के रस्सी से उस पत्थर को बंद दिया।
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और बेलो के जरिए उसे खींचा और बो पत्थर अचानक से ही टूट गया पत्थर जैसे ही बीच से टूटा और उसके अंदर से पानी की धार निकल पड़ी ये देख सब हैरान हो गए।
और किसानों को लगा शायद इस में पानी बहता होगा इस लिए निकला लेकिन बनी उस पत्थर से निकलना बंद ही नही हुआ और ये सब चलता ही रहा । और फिर किसान समझ गए के ये पत्थर कोई मामूली पत्थर नही हमारी कुल देवी का असीरबाद हे।
और उनके किरपा से ही । हम सब को पानी मिल गया और शायद इस पत्थर का पानी कभी खत्म हो न हो और अगर उसे हुआ तो हमारे गांव में कभी सुखा नही पड़ेगा और हम पानी से दूसरे गांव की भी मादात कर पाएंगे।
और कुछ दिनों तक ऐसा ही चलत रहा और पानी हमेशा के लिए आ गया था और ये सब किसान समझ गए के अब ये पानी कभी बंद नही होगा और बो बहुत अच्छे से अपने गांव में खेती कर पाएंगे।
और सब किसान बहुत ख़ुशी से अपने खेतो की सचई किए और दूर दूर तक गांव में पानी भेजे और सब लोग खुशी खुशी रहने लगे।
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