moral stories in hindi in short
dosto Aaj ke जमाने में लोग बीते हुए बातो पर बहुत ही कम भरोसा करते हे लेकिन आज हम आप को उस दसक की कहानी बताने जा रहे हे। जब लोग जादुई बातो पर भरोसा किया करते और इन सब को पाने की कोशिश करते।
ये कहानी 1540 ई पूर्व की हे। उस समय एक मोची हुआ करता था जिस का नाम दशरथ माझी हुआ करता था । दशरथ का काम ये था।के बो लोगो के घर जाके जूते साफ करता । और उस से जो पैसे मिलते बो अपने घर चलाने के काम में लेता।
और अब दशरथ मांझी की उम्र करीब 22 साल हो गई थीं उस समय जल्दी से लोग अपनी सादी भी नही किया करते क्योंकि इतनी गरीबी के चलते बो खुद अपना खान पान नही उठा पाते थे। रंजनी की चटपटी सास। Hindi kahaniya cartoon story in Hindi।
एक दिन दशरथ माझी अपने घर के दिबारों पर लगी हुई दादा जी को तस्वीर को निकाल और उस ने देखा के उस के पीछे कुछ चिपका हुआ है दशरथ ने उसे निकल के देखा तो उस में कोई खत था जिसे उस ने निकाला और देखा ।
moral stories in hindi in short
उस खत में बहुत ही बारीकी से चीजे लिखी हुए थी। उस खत में लिखा था हमारे गांव से 6 कोस दूर एक रेतिला रेगिस्थान हे जिस में कुछ दूर चलने पर एक कोठी हे जो चारो तरफ से खुली हुई हे।
उस कोठी में लोग अक्सर थक के बिसराम करते हे और एक दिन में भी थक हार के बही बिसराम कर रहा था मुझे उस कोठी में एक चीज दिखाई दी जो किसी की बहा छुट गई थीं। और जब मेने उसे उठाया तो पता चला के बो एक लोटा हुआ करता था। Hindi kahaniyan। राम और इसके दो भाई कार्टून टॉपिक।
मेने उस लोट को देखा तो उस में कुछ नही था और फिर मेरे पास थोड़ा सा पानी था जो मेने उस लोट में डाल दिया और फिर जैसे ही मैने उस लोट से पानी पिया ।तो उस लोट के अंदर से पानी निकलना बंद ही नही हुआ ।
मेरी सारी प्यास भुज गाई पर पानी खत्म नहीं हुआ और इस से पहले में कुछ सोच पता के अचानक मेरे हाथो से लोटा खिसक गया और उस खंडर कोठी में एक छोटा सा सुराग था उस में जा गिरा ।
और इस से पहले में उसे उठता के मेरे सिर पे उस कोठी का बहुत बडा सा पत्थर जा गिरा और मेरा सार फूट गया । और बहुत सारा खून निकल जाने से मुझे चाकर आ गए और में बही गिर गया । और तभी मैने इस खत को लिखा और इस खत को लिखने के बाद शायद में जिंदा रही या ना। emotional short story in hindi ।
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लेकिन जिस को भी ये खत मिले तो बो उस लोट को जरूर खोजे क्योंकि बो एक जादुई लोटा था उस में जो चीज एक बार डाल दो और फिर वापस से उल्टा करने पे भाई चीज निकलती रहती है।
और इस से हम गरीबों की मदात कर सकते हे और अपने गांव में चमन बरसा सकते हे। दशरथ माझी को ये सब पता चला तो उस ने कुछ नही सोचा और उस रेतिले रेगिस्थान के लिए निकल गया।
और काफी समय चलने के बाद दशरथ मांझी उस जगाए पहुंच गया लेकिन बहा उसे कोई कोठी नजर नहीं आई। और फिर दशरथ मांझी ने एक उट चराने वाले से पूछा तो उस ने बताया जा बाऊ जी एक कोठी हुआ करती थीं। horror short story । भूतो की स्टोरी इन हिंदी।
और बो यह से थोड़ी सी दूर हे आप सीधा जाओगे और बही पी एक चोटी सी झील हे जहा हमेशा पानी भरा रहता हे बही पी एक कोठी बनी हुई हे। लेकिन अब बो पूरी तरीके से सही नही हे बस उस की कई दिबारे ही दिखाई देती हे।
और कुछ ही समय में दसरथ माझी बहा पहुंच गया और जब उसने बहा देखा तो बहा पे उसे बेसी कोठी नजर नहीं आई लेकिन उस जैसी नहीं लेकीन कोई कई दिबरे जरूर दिखाई दी और पास एक एक झील भी थी जिस को लोग बोलते थे ।
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के इसका पानी कभी खत्म नहीं हुआ अब तक । और फिर दसरथ माझी को समझ आ गया के ये नही कोठी हे और ये बही लोट से निकलने बाला पानी हे और शायद बो लोटा अभी भी उल्ट पड़ा हे। और उस से ही ये पानी निकल रहा हे। moral stories in hindi in short
और शायद उस से ही इस झील का निर्माण हुआ और दशरथ माझी को ये बात समाज आ गई के जो उसके दादा जी ने लिखा है बो शायद सही हे। लेकिन उसके लिए उसे लोटे को देखना था।
और उस लोटे को खोजने के लिए दसरथ माझी को ये देखना था के बो पानी कहा से आ रहा हे और अगर उस को पानी आने की जगाए पता चल जाए तो समझ लो लोटा मिल गया।
दसरथ माझी बहुत समय तक बहा में खोज करता रहा कर उसे कुछ हासिल नहीं हुआ उसे इस पानी के आने का कोई जरिया ही समझ नही आ रहा था। और अब शाम होने को आई थीं।
इस लिया दशरथ मांझी घर लोट आया और फिर सूबा अपना सारा सामान और खाने पीने का सामान लेके बही फिर पहुंच गया और आज दशरथ मांझी ने सोच लिया था के जब तक उसे लोटा नही मिल जाता तब तक बो यहां से नही जायेगा। moral stories in hindi in short
और जेसे ही दसरथ माझी बहा पहुंचता है तो बो देखता हे के बहा पे बहुत सारे जानवर पानी पी रहे थे और उसके रहते रहते कई इंसान बहा पे आके अपनी प्यास बुझाए।और ये सब दसरथ माझी बही बेटा बैठ देखता रहा और लोग उसे सब कोई चमत्कार ही बटते थे।
और सच में बो लोटे का ही जादू था और ताबी दसरथ माझी को उस कोठी के अंदर एक सुराग दिखा जिस में से रेत धीरे धीरे अंदर जा रही थीं और दसरथ को समझ आया के जरूर इस के नीचे कोई गड्ढा हे। दसरथ ने बहा के रेत हटाई तो उसे पता चला के।
उस के नीचे दो एक तो छोटा सा छेद था जिस में से बो अंदर नही जा सकता था लेकिन उसे अंदर जाके उस लोटे को खोजना था । तो केसे भी करके उसे उस छेद को बड़ा तो करना था। moral stories in hindi in short
और फिर बो उस छेद को बड़ा करने में लग गया और तभी उसे अपने पैरो के नीचे ऐसा लगा के जैसे कुछ हिल रहा हो और फिर दशरथ ने ने बहा की रेत को अच्छे साफ किया तो उसे नीचे जाने का रास्ता मिल गया।
और दशरथ मांझी नीचे गया और उस ने देखा लोटा सच में बहा पड़ा था और उसे देख बो बहुत खुश हो गयो दशरथ उसे उठाने बाला ही था। के उस के जेहन में बो सब दीर्श दिखाई दिए जो उसने सूबा देखे थे। बहुत सारे जानवर रोज आके इस झील से अपनी प्यास बुझाते हे । कई सारे इंसान यहां पे आके पानी पीते हे। moral stories in hindi in short
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और बहुत इंसान तो इस झील को भगवान का दिया हुआ वरदान मानते हे।और अगर आज मेने इस लोट को उठा लिया तो उन सब का भरोसा भी उठ जाएगा और साथ में हजारों जानवर प्यासे रह जायेगे । और इन सब से जायदा प्यास हमे नही ह।
और इस लोटे की जरूर इस से हम से जायद तो इन जंगली जानवरों को हे जो बरसो से इनकी प्यास बुझाते आया हे। और ये सब सोच के दशरथ माझी ने उस लोटे को हाथ भी नहीं लगाय और वापस लोट आया। और उस दरवाजे को हमेशा के लिए बंद कर दिया ।
और बहार निकल आया और उस झील का पानी पिया और घर लेके गया अपने दादा जी की फोटो को उस पानी से नहलाया और उन से कहा आप को चाहते थे उस लोटे से बही सब हो रहा है।
दोस्तो ये कहानी आप सब को जरूर पसंद आई होगी तो हम चाहते हे के आप हमे एक प्यारा सा कॉमेंट जरूर करे। moral stories in hindi in short
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