kahani बहुत ही रोमांचक होगी बने रहे हमारे साथ और लास्ट तक कहानी को पड़े और समझे तब जाके ये कहानी आप के जेहन में उतरे गी।
एक समय पहले एक छोटा सा लड़का था जो अपने आप में एक बहुत ही मंदबुद्धि लड़का हुआ करता था इस का नाम मनोहर था मनोहर का दीमक बहुत ही कमजोर था । moral stories in hindi for class 10th
मनोहर कुछ भी पढ़ाई करता और सूबा उस को भूल जाया करता इस से मनोहर के माता पिता बहुत दुखी थे मनोहर भी पढ़ाई करना चहेता लेकिन बो अपने भूलने के बीमारी से परेशान था और अपने आप को कंट्रोल नही कर पता ।
एक दिन मनोहर खुद से परेशान होके अपने घर को छोड़ के चला जाता और एक नदी के पुल पे बैठ के खुद को पानी में देख रहा होता हे। और भगवान से बोल रहा होता हे। है भगवान आप ने हम को उसे क्यों बना दिया को में खुद से ही दुखी हु।
येसी जिंदगी से तो हम इस दुनिया में नही आते तो अच्छा था मनोहर बहुत दुखी था और खुद से बहुत परेशान हुआ करता था । और फिर इतना बोलते ही। मनोहर पानी में कूद गया ।
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मनोहर को बचाने के लिए कोई नही था मनोहर पानी में डूब गया और फिर नदी के अंदर से मछली आई और मनोहर को अपने मुंह में लेके पानी के बहार छोड़ दिया।
और जब मनोहर को होस आया तो मनोहर इस मछली को देख कर बहुत डर गया और फिर उस मछली ने नदी का पानी मनोहर के मुंह पर फेक दिया ।
इतना होने के बाद मनोहर को सब याद आया के बो केसे पानी में डूबा और केसे पानी के अंदर गया और केसे फिर मछली ने मनोहर को बचाए मनोहर को ये सब याद आया तो मनोहर बहुत अस्चर्चकीत हुआ क्योंकि मनोहर की यादश बहुत कमजोर थीं।
बो अपने हर घंटे की बाते और चीजे भूल जाता था उसे याद करने पर भी कुछ याद नहीं आता था । और फिर ये सब मनोहर को याद केसे आ गया और बो भी अपने आप मनोहर बहुत सोच में था । और फिर थोड़ी देर से मनोहर अपने घर गया । moral stories in hindi for class 10th
और जब मनोहर के माता पिता ने मनोहर को देखा तो उसे गले लगा लिया और कहा बेटा तू कहा गया था । और फिर मनोहर अपने माता पिता से बोला मां में सूबा नदी के पास गया और बही बेटा था। और फिर में उस में गिर गया ।
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मनोहर की मां बोली बेटा तुझे से सब याद हे। मनोहर हा मां में सब याद आ रहा हे और मुझे लागत हे अब में कुछ नही भूलुगा ।और मनोहर अब अपने स्कूल जाने लगा और देखा के उसे सब याद आ रहा हे।बो जोभी पड़ रहा था।
उसे सब कुछ याद रह रहा था। मनोहर समझ गया हो न हो उस मछली ने कोई तो जादू किया था मनोहर पर और फिर मनोहर us नदी के किनारे गया और उस मछली का इंतजार करने लगा।
बहुत समय तक बैठने के बाद मछली बाहर आई और मनोहर के पास आके बैठ गई और बोली तुम परेशान मत हो हम ने तुम को सही कर दिया क्योंकि हम जादुई मछली ह। और अब से तुम कभी कुछ नही भूलोगे तुम जो भी पड़ना चाहो बो पड़ सकते हो।
और अब तुम अपनी ज़िंदगी से परेशान मत होना । अपना काम करो और अपनी जिंदगी से हार मत मानो और मेहनत करो और अपने जिंदगी में आगे बड़ो हम तुम्हारे साथ हे। इतना बोल के मछली फिर से पानी में कूद गई।
मनोहर जिदागी में में आगे बड़ने लगा और बहुत अच्छे से पढ़ाई करने लगा । मनोहर जनता था के अब बो कभी कुछ नही भूल सकता । और मनोहर ने अपने लाइफ में आगे बड़ने के लिए बहुत अच्छी पढ़ाई की ओर उस ने सोचा के में अपनी इस शिक्षा का सही उपयोग कर के गरीब और बे सहारा बच्चो को शिक्षा दुगा।
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और सब कर के मनोहर ने बहुत ऊंची और अच्छी शिक्षा ली और सब के प्रमाण पत्र मनोहर को मिले और पूरे भारत में मनोहर ने टॉप किया और उसके बाद मनोहर ने अपना एक कोचीग सेंटर खोला ।
जिस से मनोहर पैसा तो कमा ही रहा था साथ में हजारों लडको को शिक्षा देके उनके भाविश को सुधार रहा था। और मनोहर के माता पिता बहुत खुश हुए और एक दिन मनोहर उस मछली से मिलने गया जिस ने अपने जादू से आज मनोहर को इतना बड़ा बना दिया।
और मनोहर उस मछली से बोला में आप का बहुत सुक्रगुजार हु।आप का ये एहसान हमे जिंदगी भर याद रहेगा इस मछली ने मनोहर से कहा तुम को कुछ करने की जरूरत नही है। बस तुम गरीब और बेसहर लोगो की मादत करते रहना ।
और इस से तुम्हारी सोच और बुद्धि कभी खत्म नहीं होगी और तुम हमेशा सब से सरबेस्ट रहोगे। दोस्तो आप ये कहानी कैसी लगी अगर पसंद आए तो प्लेस एक प्यार सा कॉमेंट जरूर करे ।