Moral stories hindi। जादूई मटका हिंदी कहानी।

आज की कहनी बहुत ही मजेदार और अमेजिंग होने बाली हे अगर आप भी जादुई चीजों पे बिस्वास करते हे तो ये कहानी सिर्फ आप के लिए हे और यकीन माने कहानी बही ही उत्साह जानिक होगी आप को हर पहलू को पड़ने के बहुत जिज्ञासा रहेगी। moral stories in hindi in short

रामू अपने गांव से दूर एक जंगल में रहता था बो क्या करता था आप जान के हैरान हो जाओगे रामू जंगल में जगाए जगाए में पानी के टूटे हुए मटके रखा था और पेड़ो पे भी टागा था और बो हर रोज उन मटके में नदी से पानी लाके भरता था । short story in hindi with moral ।

उसे इस काम के कोई पैसे नही देता बल्कि बो अपने तन मन धन से पशु और पक्षी के लिए पानी रखता थकी कोई भी पशु पक्षी प्यास के कारण मारे नही और उसके इस काम से उसे बहुत खुशी मिलती थी वैसे रामू अपने जीने के लिए जंगल से लकड़ी कटके शहर बेच आता था और उस से जो पैसे आते उन से अपने खान पान का सामान ले आता और उस से ही गुजारा करता था। Cartoon story in Hindi। रिंकू का जादुई डोसा।

रामू का इस दुनिया में उसके अलावा कोई और नहीं था नाटो उसके आगे कोई था और नही पीछे और हैरानी की बात ये थी के बो इस घने जंगल में बिल्लू अकेला रहता था उसे किसी बात की चिंता नहीं रहती थी के उसे कोई जानवर खा जायेगवाओर बो बे फिखर जंगल में लकड़ी काट ने जाता और अपना काम करता। Cartoon story in Hindi। शॉर्ट स्टोरी जादुई कुत्ते।

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और अपने जिंदगी में खुशी खुशी रहे रहा था। रामू एक दिन पानी लेने के लिए नदी के पास जा रहा था और बो पानी लेके वापस आया और उसने सारे घड़े के टुकड़ों में पानी भर दिया और जो पानी बचा बो अपने पीने के लिए रख लिया ताकि उसे साम को पीने के लिए हो जायेगा  और फिर रामू लकड़ी काटने के लिए जंगल के अंदर चला गया और बहुत समय के बाद उसने लकड़ी का एक गाथा बना लिया। moral story in hindi for class 10। चिंटू और उसके बुक मोरल स्टोरी इन हिंदी।

और फिर साम होने को आई थी इस लिए उस दिन रामू लड़की बेचने नही गया और यहां तो रामू के पास खाने के लिए भी कुछ नही था सारा सामान खत्म हो गया था और फिर रामू को पानी पीके काम चलाना पड़ा और फिर रामू मन ही मन सोचा चलो कोई बात नही एक रात की तो बात हे।

सूबा जल्दी बाजार जाके लड़की बेच दुगा और राशन का सामान ले आऊंगा और फिर खाना बना लगा और कल पक्षी के लिए दाना भी लगा इतनी लड़की हे इस में ये सब तो आही जायेगा। और इतना सोच के रामू सो गया और फिर जब रामू सूबा उठा और अपने घर का सारा काम किया और फिर लकड़ी लेके चाल दिया।

और कुछ समय के बाद रामू बाजार में पहुंचा और फिर बो लडकी रख के जोर जोर से चिल्ला लड़की लेलो सुखी लड़की लेलो चूला जलाने के लिए सुखी लड़की लेलो और काफी समय चिल्लाने के बाद उस की सारी लड़की बीच गई और रामू ने अपने लड़की के पेसो से राशन का सामान और जानवरो के लिए दाना ले लिया ।

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और फिर जंगल के तरफ चल दिया और दुभर से पहले रामू जंगल पहुंच गया और और फिर रामू ने खाना बनाया और खाया और उसके बाद रामू जंगल के हर पेड़ के नीचे दाने बिखेरने लगा और कुछ समय के बाद उस ने देखा के पानी खत्म हो गया और फिर रामू ने मटके को उठाया और नंदी के पास पानी लेने के लिए चला गया।

और कुछ समय के बात रामू नदी से पानी लेके लोट आया और रास्ते में आही रहा था के अचानक उसके पर में कोई कटा लगा और उसके हाथ से पटका छुट के टूट गया । रामू ये देख कर बहत दुखी हुआ और उस लड़के तरफ निहारने लगा और मन ही मन सोचने लगा ।

आज तो में जानवरो और पक्षी को पानी कैसे पिलाऊ आज तक हम ने कभी जानवर और पक्षी को प्यासा नही रखा लेकिन आज तो हमारे पास और कोई उपचार नही हमारे पास तो अब कोई और मटका भी नही जिस से हम पानी लाए अब क्या करे ये भगवान।

आज तो जानवर और पक्षी प्यासे ही रहेंगे इतना सोच के रामू लोट के आने लगा और कुछ ही देर के बाद रामू रास्ते में चला आ रहा था के अचानक उसकी नजर एक पेड़ के ऊपर पड़ी जिस पे एक मटका टगा हुआ था और बो मटका बहुत बड़ा था ।

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और जब रामू ने उस मटके को देखा तो उस से रहा नही गया और बो उस को लेने के लिऐ पेड़ पे चाड गया और उस मटके को नीचे उतारा तो देखा के उस में पानी भरा हुआ है और रामू ने दिमाक लगाय के चलो इस पानी को पक्षी के लिए डाल आता हु फिर दुबारा नदी पे जाके पानी लाऊंगा।

इतना बोलके रामू चल पड़ा और जंगल के उन मटके में पानी डालने लगा और धीरे धीरे कर के रामू ने सारे मटके के टुकड़े भर दिए लेकिन पानी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। रामू ने मटके में देखा तो पता चला के उसमे तो अब भी उतना ही पानी मौजूद हे जितना पहले था।

रामू बहुत हैरान हो गया और फिर रामू ने जानवरो के लिए भी गाड़ो में पानी डालना सुरु किया और फिर रामू ने सारे गाड़े भर दिए और फिर भी मटका खाली नही हुआ। रामू हैरान हो गया के ये केसे हो सकता हे पानी खत्म हो जाना चाहिए था।

आज तक हम ने इतना पानी कभी नहीं भरा और इस से तो पानी निकलता ही जा जा रहा है। और फिर रामू मटके को नीचे रख दिया और बैठ के देख ही रहा था के मटका उलट गया और उसमे से पानी की धार चलने लगी और देखते ही देखते चारो तरफ पानी पानी हो गया और फिर रामू ने भी मटके को सीधा नही किया।

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बो देख रहा था के मटके में कितना पानी हे लेकिन रामू को अब समझ आ गया था के इस मटके का पानी कभी खत्म नहीं होगा और ये कोई मामूली मटका नही हे जादूई मटका हे। और इस का पानी कभी खत्म नहीं होगा लेकिन एक चीज हो गई के अब जनवरी और पक्षी के लिए भरपूर पानी हो गया।

और अब हमे हर रोज नदी पे जाने की जरूरत नही होगी और जब कभी सुखा पड़ेगा तो ये मटका उसके काम आएगा और इंसान की भी प्यास भुजायगा। और रामू बहुत खुश हो गया और फिर खुशी खुशी रामू जानवरो की सेवा करने लगा ।

दोस्तो कहानी मजेदार हो तो कॉमेंट कर के जरूर बताए धनबाद।

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