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moral stories for adults, समय किसी का इंतजार नही करता। इस बात को लोजी से अच्छा कोई नही समझ सकता, लोजी अमेरिका का रहने बाल था । और बो हमेशा घूमने में चाह रखता था।
लोजी हमेशा नई नई जगाए पर जाना पसंद करता था और इस बजाय से बो इंडिया घूमने के लिए आय था और उसे पता चला के हिमाचल के पहाड़ो पे बहुत ही अदभुद नजारे हे और हर साल बहुत से लोग बहा पे चढ़ाई करने के लिए जाते हे।
और फिर ये बात लोजी को समझ आ गई और बो भी पहाड़ों को घूमने निकल गया और हिमाचल में पहुंच गया और अपने खाने पीने की बहुत सी बस्तु खरीद ली लेकिन हैरानी की बात ये थी के लाेजी के साथ और कोई नही था
हिमाचल में बर्फ बारी सुरु होने के कराड़ बहुत से लोग पहाड़ों पे जाने में डरने लगे और बहा के लोगो ने माना भी किया पर लोजी नही माना और निकल पड़ा और पैदल चलते चलते उसे पहाड़ के उस छोर तक पहुंचने में शाम हो गई। moral stories for adults
और फिर लोजी बही बर्फीले पहाड़ी के नीचे ही अपना 🎪 टैंट लगा के सोने लगा और फिर लोजी ने खाना खाया और बही पे सो गया और बहुत समय तक तो उसे सर्दी लगती रही और फिर उसने अपने सर्दी वाले कपड़े पहन लिए और फिर अच्छे से सो गया ।
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और जैसे ही सूबा हुए और लोजी जाग गया और अपने सारे समान को अपने साथ रख कर बो पहाड़ी पे चढ़ने के लिऐ बेचें होने लागा लोजी के पास बो हर के समान था जो उसे रास्ते में काम देता और बो सब समान को लेके ऊपर चढ़ने लगा और समान के साथ उस का वजन 203 किलो था और फिर भी लोजी नही रुका और पहाड़ी पे चढ़ने लगा। moral stories for adults
और देखते ही दिखते लोजी 200 मीटर ऊपर चढ़ गया और बिना कोई पेरेसनी के और अब उसे खुद पर भरोसा हो गया था के बो इस पहाड़ी को चढ़ जायेगा और उसे कोई परेशानी नहीं होगी।लेकिन लोजी आने वाले खतरे से अनजान था उसे नही था पता के इंडिया का बर्फीला तूफान क्या चीज है।
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और जैसे ही 500 मीटर की ऊंचाई पर लोजी पहुंचा और बहा पे हबाय तेज होने लगी और बदकिस्मती से बर्फ पड़ने लगी और फिर लोजी को रास्ते में ही रुकना पड़ा और अब तो उसके पास 🎪 लगाने के लिए भी जगाए नही थी। moral stories for adults
और उस को सर्दी लगने लगी और उसका बुरा हाल हो गया और करीब 4 घंटे तक बर्फ पड़ती रही और जब बर्फ गिराना बंद हुई तब लोजी की जान में जान आई और बो फिर से पहाड़ी पर चढ़ने लगा और उसे देखने बाला बहा पर कोई नही था। moral stories for adults
लोजी फसा रह गया बर्फ बारी में ।
बो बिना किसी के सपोर्ट के ऊपर चलता जा रहा था। उसे नही था पता के ये पहाड़ी कितनी जायदा खतरनाक हो सकती ही है उसके लिए बो चलता जा रहा था और अब तो लोजी ने छोटा बाला पहाड़ पे पहुंच गया और शाम होने के बजाय से बो बही रुक गया।
और फिर उसने बहा पे टेंट लगाने की बिबस्ता की और बही रुक के अपना खाना पानी लेने लगा और फिर लोजी ने पूरी रात उस पहाड़ी के ऊपर गुजरी और जैसे तैसे रात्रि काट गई और फिर से एक बार सूबा हो गई और फिर उसने अपना समान समेटा।
और फिर उपर चढ़ने लगा लेकिन उस दौरान लोजी के हाथो में छाले पड़ गाय क्योंकि बर्फ बहुत जायदा जमी थी और लोजी के सारे ओजार बहुत ठंडे थे इस लिए लोजी को अब ऊपर चढ़ने में बहुत पेरिस का सामना करना पड़ रह था। moral stories for adults
लेकिन फिर लोजी ने सोच लिया के हार नही मानना हे इस पहाड़ी पे अपना झंडा लहराना ही पड़ेगा और फिर लोजी फिर से चढ़ाई सुरु कर दिया और पूरे 3 घंटे के बाद सास भरी और बही रुक गया और कुछ समय रेस्ट किया और फिर चलने लगा।
लोजी ने हार नही मानी और बर्फ के पहाड़ी में चढ़ गया।
और धीरे धीरे अब लोजी का सफर पूरा होने बाला था के अचानक फिर से बर्फीला तूफान उठा और उस तूफान में लोजी के हाथो से उसके ओजार छुट गाय और बो एक पतली सी रस्सी से लटका रह गाया और बहत डर गया । moral stories for adults
इस से पहले बो कुछ कर पता के अचानक बर्फीले पहाड़ी का आधा से जायदा बर्फ टूट गया और उसेक साथ लोजी भी नीचे गिरने लगा बो बर्फ का टुकड़ा इतना बड़ा था के बो नीचे पहाड़ी पे जैसे ही गिरा तो बो पहाड़ी बीच से फट गई।
और उस बड़े से बर्फ के साथ लोजी भी उस फटे हुए पहाड़ी में फस गया और बो इतना अंदर चला गया के बहा से बाहर निकला उसके लिए नामुंकिन था ।और कुछ ही पालो में लोजी बेहोश हो गया और उसका खून जमने लगा । moral stories for adults
क्योंकि उस फटे हुए पहाड़ी इतनी जायदा ठंडी थी के किसी की भी कुल्फी जामा सकती थी और फिर जैसे ही कुछ समय के बाद लोजी होश में आया तो बो बहुत बुरी तरीके से फसा हुआ था और फिर जल्दी ही खुद को गर्म करने के लिए लोजी ने कैसे भी करके अपने बैग से गैस बाला हिटर निकाल कर उसे जलाया ।
लोजी फस गया बर्फ के टुकड़े में और बचने की उम्मीद में था।
और अब उस हिटर से लोजी को कुछ राहत मिल सकी और उसने सोचा के अब बो कब तक यहां जिंदा रह पाएगा 5 से 6 दिन तक ही टिक पाएगा और बो इस बर्फ में जम जायेगा और उसे यहां कोई बचाने नही आयेगा उसे पता था moral stories for adults
के बो सबसे अलग पहाड़ी पे आया था और यहां तो कोई भी नही आया होगा आज तक और अब बो भगवान के भरोसे ही रह गया और अब बो बचने के उम्मीद में फसा रहा और दिन पे दिन उसकी उम्मीद टूट रही थी और भूख प्यास से उसकी हालत भी खराब हो गई थी क्योंकी उसे बहा पे फसे हुए पूरे 24 घंटे हो गए थे।
लोजी ने लास्ट समय देखा के एक बाज ह जो यहां अन्दर आने की कोशिश कर रहा हे और शायद ये हमे नोच खाने के लिए कोशिश कर रहा हे लेकिन हम तो वैसे भी मरने वाले हे इस से अच्छा के इसका खाना ही बन जाएं।
और कुछ ही समय में बो बाज उस पतली सी जगाए में घुसा और लोजी को अपने पंजों में दबा के बर्फ के पहाड़ी से बहार उड़ा के ले गया और नीचे छोड़ दिया और फिर फिर लोजी के तरफ देख कर अपना सिर हिलाया और उड़ गया। moral stories for adults
लोजी को बचाया जादुई बाज ने।
लोजी उसे देख भगवान से बोला के आप ने हमारी जान बचली और इतने में फिर से बो बाज आया और लोजो से बोला तुम को भगवान ने नही हम ने बचाया हे और हम तुम को नोच नोच के खा भी सकते थे पर तुम को देख हमारी इच्छा नहीं हुए और हम ने तुम को छोड़ दिया इस लिए अब कभी ऐसी जगाए पर मत जाना ।
जहा कोई इंसान न हो लोजी को बात समझ आ गई और बो उल्टे पैर वापस लोट आय और अपने देश अमेरिका बाला लोट आया ।
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