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hindi story with moral, जादुई नगरी का रहस्य।

hindi story with moral, जादुई नगरी का रहस्य। दोस्तो आज आप का भाई आप सब के लिए एक ऐसी मॉरल स्टोरी। लेके आया हु जिसे पढ़ के आप एक जादुई दुनिया में खो जाओगे और सोचने पर मजबूर हो जाओगे के काश ऐसा हो जाता।

कहानी सुरु होती हे एक इंसान के एक छोटे से परिवार से जिस इंसान का नाम सुधीर हुआ करता था सुधीर के 3 बच्चे थे और एक पत्नी और सुधीर के घर में सुधीर के माता पिता जो सब लोग एक साथ रहते थे ।

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सुधीर के घर के हालत कुछ सही नहीं थे इस लिए सुधीर को अपने घर को चलने के लिए काफी मेहता और लगन से काम करना पड़ता था सुधीर अपने गांव से दूर अपने खेत पर एक घर बनाया था ।

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सुधीर उस खेत बले घर में रहता था और अपने छोटे से खेत में सब्जी की फसल कर के उसे बैच कर अपने परिवार का पेट भर रहा था सुधीर के पास पैसे नहीं था लेकिन फिर भी सुधीर उतने पे अपने परिवार का पालन कर रहा था।

और हर दिन के तरह एक दिन सुधीर ने अपने खेत में से कुछ हरि सब्जियां तोड़ी और उन सब को एक टोकरी में रख लिया और अपने घर से निकला लिया सुधीर के गांव में सब लोग सब्जियों खुद से उगते थे ।

इस लिए सुधीर को अपनी सब्जी को बेचैन के लिए दूसरे गांव गांव जाके बेचैन पड़ता था और इस काम को करने में सुधीर को पूरा दिन निकल जाता था और जब थका हर के सुधीर घर में आता तो सुधीर की पत्नी उमा उसे खाना रखती ओर सुधीर खाना खाकरा सो जाता था।

और हर दिन का सुधीर का यही काम हुआ करता था और इस तरह से सुधीर की जिंदगी चल रही थी। एक दिन जब सुधीर अपने गांव से दूसरे गांव में सब्जी देने जा रहा था क्योंकि सुधीर को दूसरे गांव में सब्जी पहुंचनी थी।

क्योंकि एक इंसान ने सुधीर को पैसे दिए थे उसके घर में कुछ था इसलिए उसे जायदा सब्जी चाहिए थी इस लिए आज सुधीर भी खुश था के आज बो जल्दी से अपने घर लौट आएगा और उसे कुछ जायदा पैसे मिल जाएंगे।

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और फिर सुधीर सब्जी लेके गांव जा रहा था तो रस्ते में सुधीर ने देखा के नदी का पानी बहुत जायदा बढ गया था और सुधीर ने सोचा के कही इस नदी का पानी और न बढ़ जाए नहीं तो पुल के ऊपर से पानी जाने लगेगा ।

इस लिए मुझे सब्जी देखे जल्दी लोट के आना होगा ताकि मुझे कोई परेशानी न हो और फिर सुधीर गांव में पहुंच गया और फिर सुधीर ने उस इंसान को सब्जी दी और पैसे लेके सुधीर बहा से निकल ही रहा था ।

के तभी सुधीर के कुछ अच्छे ग्राहक जो सुधीर से तो सब्जी लेते थे उन लोगो के सुधीर को रोक लिया और कहा सुधीर आज सब्जी नहीं दोगे क्या तो सुधीर में कहा भाई आज तो सब्जी नहीं हे हमारे खेतों में जायदा सब्जी नहीं निकलती ।

आज जितनी सब्जी थी तो मोहन जी के यह चली गई हे इस लिए हम आज जल्दी घर जा रहे हे और तभी उस इंसान ने सुधीर से कहा अरे भाई चले जाना कुछ देर हमारे साथ बैठ लो आखिर घर ही जाओगे भाभी चली तोड़ी जाएगी।

और ये सुन कर सब लोग हसने लगे और फिर सुधीर बैठ गए और बाते करने लगे । और बातों ही बातों में कब शाम हो गई बता ही नहीं चला तो सुधीर ने देखा के शाम होनेंको आई हे तो सुधीर तुरंत ही घर के तरफ जाने लगा ।

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और जब सुधीर नदी के पास आया तो सुधीर ने देखा के नदी का पानी बहुत जायदा बढ़ गया हे और अब सुधीर अपने गांव के लिए कैसे जाएगा और तभी सुधीर ने बहुत हिम्मत की और पुल पर चढ़ गया ।

और तुरंत ही सुधीर का पैर फिसल गया और सुधीर तुरंत पानी में बह गया ओर जैसे ही सुधीर नदी में डूब गया और जब सुधीर पानी में डूब तो सुधीर ने देखा के पानी के अंदर एक अलग हो दुनिया नजर आई और सुधीर उस दुनिया में जा गिरा।

और जैसे ही सुधीर उस अनोखी दुनिया में पहुंच तो देखा के सुधीर के पास सारे लोग आ गए और तभी सुधीर ने उन सब से कहा क्या आप लोग पानी के अंदर रहते हो तो सब लोगो ने अपना सिर हिलाया।

और फिर सुधीर ने उन सब से कहा के क्या में जिंदा हु या मर गया और ये सुन सब लोग बोले तुम पानी के अंदर हमारी दुनिया में आए हो  और अब तुम जायदा समय तक जिन्दा नहीं रह पाओगे  इस लिए अब तुम बताओ के तुम को ये हमारी दुनिया कैसे दिखाई दी।

किसी भी इंसान को पानी के अंदर की हमारी जादुई दुनिया नहीं दिखाई देती फिर तुम को ये कैसे दिखाई दे गई और तभी उस जादुई दुनिया का शहंशाह आया और अपने सारे साथियों से बोला तुम सब इतना व्याकुल मत हो तुम लोग शायद भूल गए हमारे गुरु के हमे बताया था।

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के अगर कोई नेक इंसान हमारे जादुई दुनिया के उलार से आया या फिर उस में गिर गया तो उसे सब कुछ दिखाई देगा और ये सुधीर भी बहुत नेक इंसान हे इस लिए ये हम सबको देख सकता हे।

और तभी सुधीर ने शहंशाह के सामने हाथ जोड़ के कहा मुझे आप अपनी दुनिया से निकाल के हमारी दुनिया में वापस भेज दो हमारे छोटे छोटे बच्चे हे और हम बहुत गरीब हे है सब्जी बैच कर अपने परिवार का पेट भरते थे।

अगर हम नहीं रहे तो हमारे साथ साथ हमारा पूरा परिवार भूखों मर जाएगा इस लिए आप हमे हमारे दुनियां के वापस भेज दो ओर तभी शहंशाह बोले तुम घबराओ मत हम जानते हे तुम्हारी सारी तकलीफ।

और हम तुम को तुम्हारी दुनियाएं वापस जरूर भेजेंगे और साथ में एक ऐसी चीज देगे जिस से तुम इस गरीबी से छुटकारा पाओगे और और तभी शहंशाह ने कहा तुम को एक बड़ा करना होगा हम से हम तुम को ऐसी जादुई चीज देगे जो तुम्हारे बहुत काम आने बाली हे।

सुधीर ये लो इस मिट्टी को तुम अपने खेत में फेक देना इस के बाद से तुम अपने खेत में जो भी फसल सब्जी करोगे बो बहुत ही अच्छी तरीके से फेर गी ओर इस से तुम अच्छा पैसा कमाओगे लेकिन याद रखना तुम अपने जैसे गरीब लोगों की मदत भी करते रहना ।

और कभी भी घमंड मत करना तो ये जादू हमेशा काम करता रहेगा और इतना बोलते ही सब कुछ गायब हो गया सुधीर ने देखा के बो अपने गांव के बाहर खड़ा हे ओर ये देख सुधीर को भरोसा नहीं हुआ ओर सुधीर सोचने लगा के बो कली सपना तो नहीं देख रहा था।

लेकिन तभी सुधीर ने अपने हाथों के देखा के उसके हाथों में तो एक मिट्टी की पोटली थी जो शहंशाह के उसे दी थी और तब जाके सुधीर को भरोसा हो गया ओर सुधीर खुशी खुशी अपने घर गया कर सब के साथ खुशी से प्यार बाटने लगा ।

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