hindi short stories: रघु की जादुई झोपड़ी।

अगर आप भी hindi short stories: रघु की जादुई झोपड़ी। पढ़ने में रुचि रखते हे तो ये कहानी आप के लिए हे इस कहानी को लास्ट तक पढ़े और कहानी का लुप्त उठाए।

रघु एक मुसाफिर हुआ करता था क्योंकि रघु प्लास्टिक का सामन बेचता था इस लिए हो गांव गांव जाके सामना को बेचा करता था और जब जहां पर शाम हो जाती तो बही पे रुक कर बो अपनी झोपडी बना लेता और बही पे रुक जाता।

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और जब सुबह होती तो फिर से बो अपना काम करने के लिए निकल जाता ऐसा ही इसका जीवन गुजर रहा था रघु जादुई चीजों पर बहुत ज्यादा बिस्बास करता था रघु के माता पिता बचाओ में उसे छोड़ कर चल बसे थे ।

hindi short stories: रघु की जादुई झोपड़ी। रघु का कोई नहीं था।

और रघु भी एक अनाथ आश्रम के पाला बड़ा था  और एक नेक इंसान ने रघु को 10 हजार रुपए दे दिए जिस से रघु ने उन पैसे से प्लास्टिक का सामन भर क्या ओर उस सामान की गांव गांव जाके बेचने लगा और उस का ये काम कुछ सही चल पड़ा जिस से बो अब हर दिन इस काम को करने लगा।

एक दिन रघु अकेला बैठा सोच रहा था काश उस के पास एक ऐसी झोपडी हो जिस को बो कहा चाहे बहा बना ले और फिर उस को अपने साथ लेके चल दे। ओर फिर उसे कहा झोपडी बननी ही बहा बनाए और फिर उस को साथ लेके चल दे ।

और फिर रघु एक गांव में सामन देने के लिए का रहा था के रस्ते में एक छोटा सा जलना मिला जिस में रघु को रास्ता पता नहीं था तो रघु रास्ता देख देख कर जा रहा था और अचानक रस्ते में रघु को एक लड़की मिल गई जो बहुत छोटी थी ।

और उस लड़की ने रघु को रोक लिया और कहा अंकल जी हम को ये प्लास्टिक का घर दे दो हमे बहुत अच्छा लगा और फिर रघु ने उस लड़की के तरह देख ओर उसे बोला बेटा आप अकेले इस जंगल में क्या कर रहे हो तुम्हारे घर कहा हे।

और फिर उस लड़की ने कहा के मेरा घर जंगल में हे और मेरी मां मुझे लेने आ रही होगी इस लिए में यहां पर बैठ कर मा का इंतजार कर रही हु लेकिन मुझे आप का ये घर लेना हे हम इस से खेलेंगे क्या आप हमे इस घर को दोगे।

hindi short stories: रघु की जादुई झोपड़ी। छोटी बच्ची कौन थी।

रघु ने उस घर को निकाल दिया और उस छोटी बच्ची को दे दिया और उसे कहा लो बेटा ये आप के लिए हे और उस छोटी बच्ची ने उस घर को ले लिया और उस से खेलने लगी।

और फिर हो लड़की बोली अंकल जी हमारे पास तो पैसे ही नहीं हम आप को क्या देगे और तभी रघु बोला बेटा हमे आप से पैसे नहीं चाहिए आप इस घर को ले जाओ ।

और तभी उस लकड़ी ने कहा अंकल जी हम आप को पैसे तो नहीं दे सकते लेकिन हम आप की एक बीस पूरी जरूर करेंगे रघु ये सुन कर हसने लगा और बोला है बेटा तुम मेरी बीस पूरी करोगी और फिर उस छोटी सी लड़की ने कहा अंकल जी हमारी मां कहती हे ।

छोटी बच्ची देवी का रूप होती हे और देवी जो भी बोलती हे बो सच हो जाता हे तो बताओ आप हम से क्या चाहते हे रघु हसने लगा और बोला बेटा हम कुछ नहीं चाहिए आप हमारे तरह से इस छोटे वाले घर को भी ले जाओ।

और फिर रघु ने बच्ची को बो घर भी दे दिया और बोला बेटा मुझे अब जाने दो हमे दूर जाना हे और मेरा तो यह घर भी नहीं हे और तभी उस लड़की ने कहा अंकल जी आप परेशान मत हो आप एक काम करो इस बड़े घर को आप रख लो और छोटे वाले को में रख लोगी।

hindi short stories: रघु की जादुई झोपड़ी। क्या सच में रघु को कुछ ऐसा मिलने बाल था।

आप जब भी कही रुको तो आप इस बड़े घर में रह लेना ओर तभी रघु बोला बेटा ये खिलौना हे कोई असली घर नहीं हे और फिर रघु ने उस लड़की से बो घर ले लिया और फिर उस छोटी बच्ची के कहा अंकल जी आज से ये घर खिलौना नहीं आप का असली घर बन जाएगा और आप इसे जहां चाहे बहा लेके जा सकते हे।

आप इस घर को जब चाहे बड़ा कर सकते हे जब चाहे छोटा कर सकते हे ठीक हे आप इस घर से बोल दिया करो बड़ा घर बन जाओ तो ये बाद घर बन जाएगा और जब आप इस से कहोगे छोटा घर बन जाओ तो ये छोटा घर बन जाएगा।

image_search_1744736145772-1-1-300x169 hindi short stories: रघु की जादुई झोपड़ी।
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समझे अंकल जी रघु बच्ची के बातों पर हसने लगा और बोला अच्छा ठीक हे बेटा अब आप अपने घर जाओ हमे भी अपना सामान बेचने जाना हे और फिर रघु उस घर की अपने पास रख कर जाने लगा और तभी कुछ ही देर में गांव आ जाता हे ।

और रघु का सारा सामान बिक जाता हे उस घर को छोड़ के रघु बहुत खुस था कर मन में सोच रहा था भगवान कितना अच्छा हुआ आज मेरा सामान सारा बिक गया मुझे लगता हे आज उस छोटी बच्ची के दुआ से सारा सामान बिक गया।

लेकिन इस बच्ची ने इस घर को मुझे दे दिया था कर पता नहीं क्या क्या बोल रही थी रघु उस घर को हाथ में लेके एक पेड़ के नीचे बैठ गया ओर बोला काश के बच्ची ने जो कहा था बो सच हो जाता तो कितन अच्छा होता ।

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रघु के इतना बोलते ही बो छोटा सा खिलौने बल घर असली का घर बन गया और ये देख कर रघु के होश उड़ गए रघु को कुछ समझ नहीं आया के ये कैसे हो गया और फिर रघु उस घर के अंदर गया तो उस के देखा के घर के जरूरत का सारा सामान उस घर में पहले से मौजूद था और उस घर में रघु के अलावा और कोई नहीं था।

ये सब देख रघु घर के बाहर आया और घर पे हाथ रख कर बोला छोटा घर होजा तो घर तुरत ही छोटा हो गया और ये देख कर रघु समझ आया के जरूर उस छोटी बच्ची ने की जादू किया हे या फिर बो सच में एक देवी थी ।

में कितन मूर्ख था के देवी को पहचान नहीं सका अब क्या होता हे लेकिन देवी का आशीर्वाद मेरे साथ हे के जब तक ये घर मेरे पास रहेगा तब तक में देवी के आशीर्वाद में रहूंगा।

और आज से रघु अपने जादुई घर में बहुत ही आराम से खुशी खुशी रहने लगा कर जब चाहे घर को साथ में लेके चल देता था और किसी को कुछ पता नहीं चलता था 

तो दोस्ती ये कहानी बहुत ही अलग कहानी में से एक कहानी हे अगर आप सब को पसंद आए तो सपोर्ट करे और कहानी को शेयर करे ।

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