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Cartoon story in Hindi|जादुई जूते।jadui jute।

क्या सच में जादुई जूते होते है।अगर होते ही तो कैसे होते होगे क्या हमे कभी जादुई जूते मिल पाएंगे।

एक लड़का था जिस का नाम रोहित हुआ करता था रोहित बहुत अमीर लड़का था ।लेकिन रोहित एक चीज से बहुत खफा रहता था बो ये की रोहित के पिता रमेश रोहित को हमेशा ताने दिया करते थे।

रोहित ये कर बो कर अगर नही किया तो तेरा घूमना फिरना और खर्चा पानी बंद कर देगे और तुझे अपनी जायदाद से बेदखल कर देगे रोहित से अपने पिता के ताने सुने नही जाते।

एक दिन रोहित के पिता रोहित को यही सब ताने देके अपने काम पर चले गए लेकिन रोहित के दिल में बो सब बाते लग गई और रोहित अपने कमरे में रोता रहा बहुत समय रोहित अपने कमरे में ऐसे ही रोता रहा ।

और फिर रोहित उठा और अपने आप से बाते करने लगा रोहित सोच रहा था के उस के रोने से उस के पिता को कोई फर्क नहीं पड़ता बो हमेशा उस को ताने ही देते ।

इस से अच्छा हे के में घर छोड़ के ही चला जाऊ और अपने दम पे कुछ कर के दिखाऊ और उस रात रोहित अपने घर से निकल गया रोहित को कुछ पता नहीं था उसे कहा जाना कहा नही ।

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रोहित अपने घर से तो निकल आया और बहा रोहित के पिता राकेश और उस की मम्मी रोहित को डूडते परेशान हो गए और रोहित कही नही मिला ।

रोहित चलते चलते बहुत दूर निकल आया और फिर जब रोहित थक गया तो बो एक पेड़ के नीचे बैठ गया और उसे बही नीद आ गई तो बो बही सो भी गया ।

रोहित इतना डार हुआ था के बो बही पूरी रात सोता रहा रोहित की जब सूबा नीद खुली तो बो बहा से उठा और उस ने सोच लिया के अब बो घर नही जायेगा ।

कही भी जाए पर बो अब घर लोटेगा ही नहीं और फिर रोहित बहा से चलने लगा और चलते चलते उसे काफी समय हो गया और अब तो दुपहर भी हो गई थी और उसे भूख भी लग आई पर उस के पास खाने के लिए कुछ नहीं था।

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रोहित हर थक कर एक पानी के निहार के पास बैठ गया और पानी में देखने लगा और कुछ समय तक बो बही बेटा रहा और बो इतने में बहा से जाता के उसे पानी में तेहरते हुए कुछ आता दिखाई दिया तो उस ने नदी के पार पे बैठ कर उस चीज को निकाला ।

जब रोहित ने उसे देखा तो पता चला के उस में एक जूते थे । तो रोहित सोचने लगा चलो अच्छा हे कुछ तो मिला और वैसे भी हमारी ये चप्पल तो वैसे भी पुरानी थी और फिर रोहित ने बो जादुई जूते पहन लिए।

लेकिन इस का रोहित को जरा सा भी खयाल नहीं था के बो ूते ादुई है।ोहित फिर बहा से चला आया और चलते चलते एक ांव के पास वाले पेड़ के पास बैठ या और अब रोहित की हालत बहुत राब थी

रोहित भगवान से बोल रहा था के भगवान कोई जादू कर दो और हमे खाना खिला दो रोहित इतना बोला ही था के रोहित के पीछे खाने से भरी हुई थाली आ गई।

रोहित को पता नही था के उस के पीछे खाने से भरी थाली रखी है।और जब रोहित ने पीछे देखा तो उस से रहा नही गया और बो खाने पे टूट गया रोहित कुछ न सोचा और पूरा खाना खा गया रोहित ने इस से अच्छा खाना कभी नही खाया था ।

रोहित खाना खाखे बही चेन की नीद सो गया । और जब शाम होने को आई तो रोहित की नीद खुल गई और रोहित ने फिर मन में सोचा के ही भगवान यह तो कोई अपने घर में घुसने ही नही देगा।

कास के कोई यहां ही झोपड़ी मिल जाए । इतना सोचा ही रोहित ने के रोहित को सामने ही एक अच्छी झोपड़ी दिखाई दी और जब रोहित बहा पे गया तो उस ने देखा के उस में तो कोई भी नही है बो झोपड़ी तो बिलकुल खाली पड़ी है।

रोहित को ऐसा लगा के मानो उस के लिए ही किसी ने झोपड़ी बनाई हो और फिर रोहित बही पर लेट गया और आराम करने लगा ।

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रोहित सूबा जैसे ही जगा तो बहा से उठा और जाने लगा और मन में ही सोच रहा था के चलो अच्छा हे हमे रहने का ठिकाना तो मिल ही गया और पास में ही गांव भी हे अगर यह कोई नहीं आता होगा तो ये झोपड़ी मेरी हो जायेगी।

और आज से ही हम इस में ही रहने लगेंगे और पास में गांव हे तो बहा जाके किसी से काम माग लगे और बस रोहित बहा से निकल गया और रास्ते में उसे गांव मिला तो रोहित ने देखा के बो एक अच्छा गांव हे ।

और बहा पे छोटा सा मार्केट भी था लेकिन रोहित ने बहुत लोगो से काम माग लेकिन रोहित को कोई भी काम नहीं दिया और रोहित हरा थका फिर से बही झोपड़ी में लोटने लगा।

रोहित चलते चलते भगवान से बोला हे भगवान कास मेरे पास भी कुछ पैसे होते जिस से हम अपना एक अच्छा बेपर कर लेते तो आज हमे किसी से काम नही मगना पड़ता और अच्छे से मेरी जिंदगी कटती।

रोहित ने इतना सोचा ही के रोहित को एक रास्ते में बेग पड़ा मिल गया रोहित ने उसे उठा लिया और अपने कंधे से टाग लिया और अपने झोपड़ी पहुंच गया और जब रोहित ने उस बेग को खोला तो रोहित की आंखे खुली रह गई।

रोहित ने देखा के बो पूरा बैग पैसे से भरा था । रोहित बहुत खुस हो गया और उस ने सोच लिया के अब बो अपना अच्छा सा एक दुकान खोलेगा और उस से अपना घर चलाएगा ।

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और फिर रोहित भगवान से बोला हे भगवान आप ने मेरी बहुत मदद की आप का बहुत बहुत धनबाद अब आप से हम कुछ नहीं मांगेगे और अप हम भी मेहनत कर के पैसे कमाएंगे और इतना बोल कर रोहित सो गया।

और सूबा होते ही रोहित फिर से बही गांव में गया और रोहित ने एक सेट की दुकान ही खरीद ली और अब बो उस दुकान का मालिक बन गया और उस के अंदर रहने का घर भी मिल गया और रोहित आज से बही रहने लगा।

और जब रोहित पैसा कमाने लगा तो रोहित अब भगवान से भी कुछ नहीं माग करे और रोहित को ये बात आज भी पता नही चली के उस की ये सारी मदत भगवान ने नही बल्कि उस जादुई जूते ने की हे जिसे बो आज भी अपने पैरो में पहने था ।

और अब रोहित अपने आप से पैसा कमाने लगा और अब उसे किसी के सामने हाथ फैलने की जरूरत भी नहीं थी और एक दिन रोहित मार्केट गया और उस ने नए जूते खरीद लिए और बो जादुई जूते को कचड़े में फेक दिए।

और नए जूते लेके अपने घर आ गया और अब तो रोहित के पास बो जूते भी नही रहे लेकिन उन जादुई जुतो के बदौलत रोहित आज एक अच्छा खासा बेपार करने लगा और अपनी जिंदगी अच्छे से जीने लगा ।

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