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नवरात्रि स्पेशल। जूही की हिंदी कहानी।

नवरात्रि स्पेशल। जूही की हिंदी कहानी। कहानी पसंद आया तो प्यारा सा कॉमेंट जरुर किया करे। कहानी एक भक्त की हे जो हमेशा भगवान पे भरोसा किया करता था और इस का बिस्वास अटल था । लोग कुछ भी कहे पर उसका बिस्वास नही टूटा तो चलो कहानी सुरु करते हे।

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लखन एक गरीब घर से था उसके पास खुदा का कोई जमीन नही थी लेकिन लखन हमेशा मेहनत पे बिस्वास करता था और दूसरा भोलेनाथ पर और उसका यही बिस्वास उसे एक दिन बहुत महान बना दिया।

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लखन रोज पहाड़ों के बीच जानवरो और गाय को चराने के लिए लता था और उस के बदले बो गांव के लोगो से एक केजी अनाज लेता था लखन हर घर से जानवर चराने जंगल लता था और एक जानवर का एक केजी अनाज रोज लेता और उस से उसका घर चल जाता था।

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लखन का काम यही था लखन के तो लड़के थे और लखन की पत्नी का नाम संती दोनो लड़के और उसकी पत्नी घर पे रहते थे लखन गाय को चराने लता था हर दिन का काम यही था लखन एक दिन गाय को लेके पहाड़ी के बीच आ गया।

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नवरात्रि स्पेशल। जूही की हिंदी कहानी।

और गाय को छोड़ दिया गाय चारा खाने लगी और लखन पेड़ के नीचे आराम करने लगा और देखते ही देखते शाम हो गई और जैसे ही लखन की नीद खुल तो लखन ने देखा के उसके गाय के साथ एक गाय और चारा खा रही थी बो सारी गाय से अलग जा रही है।

और लखन घबरा के उसके पीछे गया के शायद ये किसी गांव की गाय हे और अगर ये पहाड़ों में चली गई तो हम गांव बालो को क्या जवाब देगे और लखन उसके पीछे गया तो और बो गाय बहुत जल्दी जल्दी जा रही थी और देखते ही देखते बो पहाड़ी के अंदर घुस गई।

और फिर बो लखन को नजर नहीं आई और फिर लखन वापस लोट आया और फिर लखन ने अपनी गाय की गिनती की तो पता चला के गाय तो पूरी हे और बो गया शायद इस पहाड़ी में ही रहती हे और यही के किसी की हे ।

और फिर लखन ने सोचा अगर यही की हे तो कल देख लेगे कहा जाने बाली हे। और लखन गाय को लेके गांव में वापस आ गया और फिर सारे घरों से अनाज लेके दुकान पे गया और खाने जोग अनाज निकल के सारा बेच के सब्जी मसाले लेके घर जाने लगा ।

नवरात्रि स्पेशल। जूही की हिंदी कहानी।

और जैसे ही घर पहुंचा तो लखन के लड़के आए और पापा पापा बोले हमारे लिए क्या लाय तो लखन बोला बेटा तुम्हारे लिए आज तो कुछ नही लाया लेकिन बाद हे कल जरूर लागा आज खाना खाओ और सो जाओ और फिर संति खाना बनाई और सब ने मिल के खाया और सोने लगे ।

और देखते ही देखते कई दिन हो गाय और हर दिन बो गाय बाकी गाय के साथ चारा खाती और शाम को अलग होके अपने घर चली जाती और इस बात से लखन को बहुत दुख हुआ और लखन को उसका चराने का पैसा भी नही मिल रहा था ।

इस लिया आज लखन ने तय कर लिया के आज बो गाय के मलिक से उस का 1 महीने का चराने का पैसा या अनाज जरूर लेके रहेगा और लखन पहाड़ी में महादेव की सिब्लिग की पूजा किया करता था और रोज महादेव से अपने अच्छे दिनो की आने की कल्पीना किया करता था और अब उसके बहुत जल्दी अच्छे दिन आने वाले थे।

लखन उस दिन महादेव की पूजा कर के उस गाय के पीछे लग गया और लखन ने देखा के बो गाय नही नंदी बाबा यानी बेल हे और आज उसे बेल को चराने का अनाज या पैसा बसुलना हे लखन जल्दी से उस नंदी बाबा के पास गया और उन के साथ ही गुफा में घुस गया।

नवरात्रि स्पेशल। जूही की हिंदी कहानी।

और जैसे ही अंदर गया तो लखन ने देखा के गुफा के अन्दर एक बुजुर्ग इंसान था और उसके पास तो खाने के लिए भी कुछ नही था और ये सब देख लखन का मन पसीज गया और उस ने सोच चली छोड़ो जाने दो इन से क्या मगना।

और फिर लखन बुजुर्ग दादा से बोला आरे दादा आप का ये नंदी बाबा में रोज चराता हु लेकिन आप इस को क्यो रखे हो इस से अच्छा आप एक गाय रखो जो आप को दुध देगी जिस से आप का पेट भरेगा तो बुजुर्ग इंसान बोला बेटा ये मेरा वाहन हे।

और फिर बुजुर्ग बोला बेटा हमारे पास तो कुछ नही जी तुम को दे सके लेकिन हा थोड़ा सा अनाज हे इसे लिए जाओ तुम्हारे काम आएगा वैसे भी जिस दिन से नंदी बाबा को तुम चराने लगे उस दिन से इस ने अनाज खाना ही छोड़ दिया ।

और फिर बुजुर्ग इंसान ने लखन को एक पोटली में अनाज दे दिया लखन के मन में बहुत से सवाल दे लेकिन बुजुर्ग इंसान ने अनाज देके सारे सवाल भुला दिया । और लखन अनाज लेके गुफा से बाहर आ गया और जैसे ही लखन को कुछ याद आया तो वापस गया तो लखन ने देखा के अंदर तो कोई नही था।

और जैसे बहार आया तो लखन के हाथ से पोटली गिर गई और देखा के स्षुयम महादेव थे और बो अपने वाहन पे बैठ के बैकुंठ चले जा रहे हे। लखन में कितना नादान था अपने भगवान से मेने ये अनाज लिया और मेरे भोले मेरे सामने थे पर हम पहचान नहीं सके।

हे महादेव हमे माफ करे हम आप को पहचान नहीं सके और फिर जब लखन ने उस पोटली को खोला तो देखा के उस में अनाज नहीं बल्कि सोने के सिक्के और जेवर था जो बहुत मूल्यवान था जिस से लखन के सारे दुख दूर होने वाले थे।

ये सब देख लखन के आखों में आसू आ गाय और बो बही बैठ के महादेव का धनबाद करने लगा और फिर लखन खुशी खुशी अपने घर वापस आ गाया। नवरात्रि स्पेशल। जूही की हिंदी कहानी।

 

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