moral stories in hindi। मोरल स्टोरी हिन्दी।
आज की सबसे खूबसूरत कहानी पड़ के मजा आ जायेगा और सोच में पड़ जाओगे कहानी किसने लिखी और कहा से आई क्योंकि आप का भाई एक दम यूनिक कहानी लेके आता ह।
हम सब जानते हे के पहले के जमाने में लोग जादुई होते थे लोगो के पास सकती होती थी। लेकिन क्या आज भी हम इंसानों के पास सकती जिंदा हे। और अगर हे। तो किस के पास हे। और कैसे काम करती है। हम इन सब बातो का पता करके के लिए खोज रहे हे।
उस किताब को जो जादुई कहानी बताया करती थी। मेरा नाम राजकुमार हे और आज से 400 साल पहले के रेहास से परदा उठाने के लिए हम खोज रहे हे। इस जमाने को जन हमारे बाप दादा लोगों के पास जादुई ताकत और सकती होती थी।
लेकिन क्या आज के जमाने में ये सब संभव हे या नहीं यही हम जानने की कोशिश कर के आए ह। उस नगर जो नगर आज से 400 साल पहले पूरा का पूरा जादूई नगर हुआ करता था । यहां के लोग बिना जादूई सकती के बात नही करते थे।
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यहां तक इस गांव के लोग धरती पर नही निगते आसमान में उड़ते और अपनी जिंदगी सान से जीते और आज राजकुमार उस गांव में आ गाया था। पूरा का पूरा गांव एक काल्पनिक कहानी के जैसा लगता था। कहते हे इस गांव के लोग एका एक गायब हो गाय।
और इस गांव के घर घर में ताला लग गया और यहां के लोग कहा गाय ये किसी को पता नही हे । और आज इस गांव की खूबसूरती को देख सरकार ने इस गांव को अपने कब्जे में ले लिया ।
और इस गांव को घूमने के लिए ट्यूरिस्ट बना दिया और यहां पे आने वाले लोगो से टिकट लेने लगे । राजकुमार ने दूसरे लोगो के जैसे टिकट लिया और उन के साथ में गांव में घुस गाय।
राजकुमार को ऐसा लग रहा था मानो बो सपनो की दुनिया में आ गया हो पूरा का पूरा गांव रंगो से भरा हुआ सारे घर एक जेसे और कही भी किसी का रास्ता बंद नही सारे गांव के रास्ते खुले हुए थे।
राजकुमार गांव जी गलियों में घुस गया और सरे घर को बहुत बारीकी से देखने लगा के शायद कुछ मिल जाय उसे जो उस गांव के लोगो के बारे में बता सकें राजकुमार ने धीरे धीरे पुरे गांव को घूम लिया।
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और अब राजकुमार गांव से बाहर एकता की मूर्ति के पास आ गया जो गांव के बहार खड़ी हुई थी और अपने हाथ में एक किताब को लिए खड़ी हुए थी।
राजकुमार उस एकता की मूर्ति को चारो तरफ से घूम के देखता और उसे बो मूर्ति कही से भी पत्थर की नही लगती ऐसा लगता को मानो कोई सक्छत इंसान खड़ा हो रामकुमार को एकता की मूर्ति देख कर थोड़ी सी हैरानी जरूर होती हे।
लेकिन बो किसी से कुछ नही कहता और चुप चाप बही खड़ा रहता। थोड़ी से देर में जब एकता के मूर्ति से दूर गाय राजकुमार ने एकता की मूर्ति पे चाड के उस किताब को देखा तो पाया के एकता के हाथ में असली की किताब हे।
राजकुमार ने उस किताब के बदले नकली किताब रख दी और उस किताब के सारे पन्ने निकल के अपने किताब में लगा लिए । और शायद राजकुमार को उस किताब के जरिए कुछ पता चल जाता और इस लिए ही राजकुमार ने किताब को निकाल।
और फिर राजकुमार उस किताब को लेके गांव के एक घर में घुस गाय और किताब को पड़ने लगा । और अब इस किताब में लिखे रिहास को पड़ने जा रहे हे जरा ध्यान से कहानी को पड़े ।
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में एकता हु। और में इस गांव का राजा हु। मेरे गांव में खुशी कभी कम नहीं होती और हम लोग हमेशा आसमान में रहते हे । हमारे पास हजारों जादूई सक्तिया है। हमारा पूरा गांव जादुई हे।
हम पीछे 500 साल से ऐसे ही । अपनी जिंदगी अच्छे से जीते चले आ रहे ह। और हम चाहते हे । के हमारे गांव को कभी किसी की नजर न लागे। लेकिन ऐसा अब नही होने बाला था।
और बहुत जल्द कुछ ऐसा होने बाला था के जिस का किसी ने सोचा नही था । के हस्त खेलता गांव बीरान हो जायेगा लेकिन क्या करे कहते हे । न जो जैसा करता बेसा भरता।
एक दिन की बात हे। हमारा गांव पूरे तरीके से आसमान में घूम रहा था और अपने बच्चो के साथ मौज मस्ती कर रहा था। हम सब लोग बड़े खतरे से अनजान थे ।
सब लोग अपने जगाए पे मस्ती कर के खेल रहे थे और खेलते खेलते हमारे गांव के लोग एक बाबा के आश्रम में पहुंच गया। और बहा पे एक सिद्ध ऋषि मुनि अपनी तपस्या कर रहे थे।
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और हमारे हसी मजाक के चाकर में उनकी तपस्या भंग हो गई।और इस से पहले हो हमे पकड़ते सब बहा से भाग आए और फिर ऋषि मुनि हमारे पीछे आए। और हमारे गांव में आ गए।
हम सब अपने जादुई सकती से आदर्श हो गए और ऋषि मुनि पूरे गांव में चीखते चिलाते फिरते रहे पर कोई नजर नहीं आया । और ऋषि मुनि को बहुत तेज किरोध आया और उन ने हम गांव बालों को सराफ दे दिया ।
और कहा हे जादूई गांव बालो आज तुम अपने जादू से हम से चिप के बेठे हो और हमारी तपस्या को भंग किया हम तुम को सराफ देते हे के आज के बाद तुम सब हमेशा के लिए अपने ही जादू से छिपे रह जाओगे न कोई तुक को कभी देख पायेगा और नही सुन पाएगा ।
तुम जिंदा तो रहोगे लेकिन अपने लिए सब के लिए तुम सब मर गाय।और जब ये सराफ एकता ने सुना एकता ऋषि मुनि के पैरो में गिर गया और माफी मांगने लगे ।
ऋषि मुनि को फिर से किरोध आया और मुनि ने एकता को एक जगाए खड़ा किया और कहा तुम चाहते हो के तुम्हारी पिरजा हमारे सराफ से मुक्त हो तो लो ये किताब और इस में लिखो जो तुम्हारे साथ हुआ बो सब लिखी और लिखने के बाद ।
यही पे खड़े हो जाना तुम अपने गांव बालो से अलग रहोगे और लोग तुम को पत्थर की मूर्ति में देख पाएंगे। और तुम सब को देख पाओगे सुन पाओगे लेकिन किसी से कुछ कह नहीं पाओगे।
याद रहे जब कभी बाबिश में कोई इंसान तुम्हारी किताब को पड़ ने के बाद तुम्हारे ऊपर प्यार से हाथ पेरेगा और कहेगा जाओ तुम आजाद हो उस वक्त तुम अपने इंसान के रूप में आओगे और अपने पूरे गांव को मुक्त कर के पर लोग चले जाओगे।
राकुमार ने किताब को पड़ के गया और उस एकता के पास गया और उन को आजाद किया और फिर पूरे 1000 साल के बाद एकता ने अपने गांव बालो और खुद को आजाद कर के परलोग जा पाए।
और ये सब राजकुमार के चलते हो गया और अगर राजकुमार को ये चाह नहीं होती तो पता नही कितने बरसो और इन लोगो को ऋषि मुनि के सराफ में बड़े रहना पड़ता ।
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