एक लड़का था जिस का नाम जयदेव हुआ करता था जयदेव अपने गांव से दूर पहाड़ों पर रहा करता था और अक्सर गांव में आता रहता था लोग जयदेव से बोलते के तुम के अकेले पहाड़ों के बीच डर नही लगता क्या केसे रह लेते हो।
जयदेव सोनपुर गांव का था और जब बचपन में उसक माता पिता गुजर गाय तो जयदेव गांव को छोड़ के पहाड़ों के बीच आ गया क्योंकी जयदेव को पहाड़ों में अच्छा लगता था और जयदेव ने अपना बचपन पहाड़ो के साथ गुजारा था इस लिए अब उसे आदत हो गई थी और इस लिए उसे किसी का भय नहीं लगता था।
जयदेव और दानव हिंदी कहानी। Hindi kahaniyan।
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जयदेव हमेशा गांव में राशन लेने के लिए आता था और जयदेव पूरी जिंदगी जंगल में घूमने और पहाड़ों के बीच रहने में निकलने बाला था और बो इस लिए के जयदेव का कोई नही था बो बिलकुल अकेला था इस दुनिया में और बो चाहता था के अब उसका कोई और न बने इस लिए बो पहाड़ी में रहने लगा।
और एक दिन जयदेव अपने घर से दूर एक पहाड़ी पे गया जयदेव ने देखा के बो पहाड़ी बाकी के पहाड़ियों से बहुत अलग हे और बहा का रस्ता भी बहुत बड़ा दिखाई दे रहा हे और अब तो ये बात भी समझ नही आ रही ही के बो पहाड़ी के पास ये रास्ते इतने बड़े बड़े क्यो हे।
जयदेव ने बहा जाने की सोच ली और बो बहा जाने लगा और कुछ समय में जयदेव उस जगाए पर पहुंच गया और फिर जयदेव बहा पे आस पास देखने लगा तो पता चला के उस जगाए पे बहुत बड़े बड़े पैरो के निसान देख कर डर गया और फिर बहा पे आस पास देखने लगा क्योंकी इतने बड़े पैरो के निसान तो आज तक उसने देखे ही नही थे।
और बो इंसान के पैरो के निसान तो नही थे और फिर जयदेव जिस जगाए पे खड़ा हुआ था बो जमीन अचानक से हिलने लगी और ये देख कर जयदेव डर गायाबोर बहा से भाग उठा और फिर जयदेव ने बही पास के पहाड़ी पे रहने के लिए गुफा बनाई।
और बहा से उस पहाड़ी पे नजर रखने लगा और कुछ दिन के बाद तक उसने बहा देखा पर कोई नजर ही नहीं आता था और फिर जयदेव ने बहा पे देखने के लिए पहाड़ी पे पहुंचा तो उसे बहा पे एक पहाड़ी के बीच से एक गुफा नजर आई जो दिखने में तो बहुत छोटी थी लेकिन जयदेव अंदर गया।
अंदर तो बहुत बड़ी गुफा थी जयदेव अंदर गया और पूरी गुफा में घूमने लगा और काफी समय देखने के बाद जयदेव को एंड में बहुत इंसान के हड्डी के अब सेस मिले और फिर जयदेव को थोड़ा सा डर लगने लगा और जयदेव ने बहा से आने के लिए सोचा ।
के इसे से पहले जयदेव को किसी के सास लेने की आवाज सुनाई दी और बो आवाज बहुत तेज थी इस लिए जयदेव बहुत डर गया लेकिन फिर जयदेव ने सोचा के यहां तक आ गाय तो अंदर ही देख ले और फिर जयदेव अंदर गया तो उसे होल में एक बिसाल दानव पड़ा हुआ था लेकिन हैरानी की बात ये थी के बो बड़े बड़े जंजीरों से बाधा हुआ था इस लिए जयदेव को डर नहीं लगा।
और बो दानाब बहुत गहरी नीद में था और उसके पास बहुत सारे इंसानों के सोने चांदी के जेवरात पड़े हुए थे और जयदेव ने सोचा के इस से पहले कोई और इन को ले जय बो सब लेके निकले की सोच लिया और जयदेव ने देखा के दानव के सास लेने से जमीन हिलती है। और फिर जयदेव ने सारा जेवर उठता और बहा से निकल लिया।
और उस गुफा को बाद करने के लिए जयदेव 4 दिन तक उस गुफा के बहार काम करता रहा और फिर ba