कृष्ण और भक्त की कहानी। Short stories in hindi।दोस्तो कहते ही की जब तक ये दुनिया रहेगी तब तक इस दुनियां में भक्त और भगवान दोनो रहेंगे लेकिन कई लोग ये बात पर भरोसा नहीं करते तो आज आप को यकीन हो जायेगा बने रहे हमारे साथ।
ये कहानी एक गऊ चारे की हे जिस का नाम जगत था और जगत एक गऊ साला में काम करता और बहुत अच्छे से गऊ की देख भाल करता और उनको समय से चारा देता और बहुत अच्छे से रखता था।
एक समय जगत जब भी गऊ माता को बहलाता तो हर एक गऊ माता के कान में कुछ बोलता था लेकिन इस बात का पता आज तक किसी को नहीं था के जगत आखिर गऊ माता के कान में बोलता क्या हे क्योंकी किसी को कुछ पता नही था।
और ये बात जगत भी कभी किसी को नहीं बताता था और धीरे धीरे जगत ने बहार की दुनिया को भुला दिया और पूरे तन मन धन से जगत गऊ माता की सेवा करने लगा और जगत के पास जो भी धन था बो सब गऊ माता की सेवा में लगा दिया ।
कृष्ण और भक्त की कहानी। Short stories in hindi।
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लेकिन धीरे धीरे समय निकलता गया और जगत के पास धन की कमी होने लगी और अब को गऊ माता को जगत पाल रखा था उन सब के लिऐ चारा लेने के लिए जगत के पास धन खत्म होने लगा ।
और जगत बहुत परेशान रहने लगा और जगत की परेशानी बड़ने लगी जगत रोज गऊ माता के कानो में कुछ बोलता लेकिन किसी दिन भी जगत की बाते गऊ माता के पास नही पहुंच राही और एक दिन रात्रि में जगत को सपना आया के जगत तुम सुनहरी गऊ माता के गोबर को तीन दिन कृष्ण के मंदिर के सामने ठाक के रखो।
और जगत ने अपने सपने के मुताबिक ये किया और सुनहरी गऊ के गोबर को कृष्ण के मंदिर के सामने रख दिया और तीन दिन तक जगत कृष्ण की पूजा किया और गोबर को हाथ नही लगाया और गोबर मंदिर के सामने रखा रहा परंतु कई दिन गुजर गाय पर जगत ने उसे हाथ नही लगाया।
और कई दिन के बाद फिर से जगत को सपना आया और उस में जगत ने देखा के उस गोबर को बहा से उठाओ और अपने गऊ धन के तिजोरी में रखो। और शुभा होते ही जगत ने बिल्कुल बेसा ही किया लेकिन हकीकत में जगत को कुछ पता नही था।
- 800 भक्ति की कहानी
के इस सब करने से आखिर होगा क्या लेकिन कृष्ण भगवान की आज्ञा समझ के कर दिया और फिर जब जगत ने कई दिन बात गऊ माता की तिजोरी खोली और उस में से चारा खरीदने के लिए धन लेने के लिए खोला तो पता चला के बो गोबर तो धन में बदल गया।
और ये देख कर जगत के होस उड़े गया। और जगत को समझ आ गया के गऊ माता के कानो में जो बिनती जगत रोज लगता था बो आखिर पूरी हो गई और कही न कही इस में भगवान कृष्ण की किरपा से गऊ तिजोरी फिर से भर गई ।
और अब एक बार फिर से जगत गऊ माता को अच्छे से खाना खिलाने लगा और रोज रोज गऊ माता को अच्छा चारा और अच्छा खाना खिलाने लगा । जगत दिन भर गऊ की सेवा करता था।
उस के बदले भगवान से कुछ भी नही मगता था एक दिन जगत गऊ माता को लेके जंगल में ले गया जगत के पास 102 गाय थी और इतनी सारी गाय समालना बहुत मुस्किल हो रहा था।
कृष्ण और भक्त की कहानी।
इस लिए जगत ने सारी गऊ माता को श्री कृष्ण के भरोसे छोड़ दिया और फिर भगवान कृष्ण ने खुद गऊ माता को चराया और ये सब गऊ माता ने देखा था लेकिन ये सब जगत ने नही देखा और नही समझ पाया के इतने अच्छे तरीके से गाय घर कैसे लोट आई।
और एक दिन जगत के दिल में भगवान कृष्ण को देखने को इच्छा जागी और फिर जगत ने हार गऊ माता के कानो में अपनी दिल की इच्छा कही और ऐसा कई दिनों तक हुआ और एक दिन फिर जगत के सपने में भगवान श्री कृष्ण आय।
और जब जगत के सपने में भगवान आय तो जगत की नीद खुल गई और फिर जगत ने सामने देखा तो पता चला के भगवान सपने में नही हकीकत में उसके सामने खड़े हे ये देख जगत की आंखे भर आई और जगत भगवान के पैरो को पकड़ लिया और बोला अब में आप से जुदा नहीं होना चहीता।
और फिर भगवान कृष्ण ने जगत से कहा अगर तुम मेरे सच्चे भक्त हो तो हमेशा गऊ माता की सेवा करो क्योंकि में हमेशा गऊ माता में बास करता हु और जब भी तुम सच्चे दिल से गऊ माता की सेवा करोगे तब तब उन में हम दिखाई देगे ।
कृष्ण और भक्त की कहानी।
और जब तुम्हारा समय पूरा होगा तब हम खुद तुम अपने साथ लेके आयेगे और अपने पास रखेगे क्योंकि जो तुम कर रहे हो ये कोई नही कर सकता बस इस रह पे हमेशा चलते रहना और सब कुछ सही तरीके से करते रहना ।
जगत ये सब सुन के खुश हो गया और फिर जगत हर दिन गऊ माता की सेवा करने लगा और खुशी खुशी अपना जीवन जीने लगा और प्यार से गऊ माता की सेवा करने लगा ।